संगम पर उमड़ा योग का सैलाब, हजारों लोगों ने एक साथ किया योग
प्रयागराज के पावन संगम तट पर 21 जून 2025 को आयोजित 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मानो पूरी आध्यात्मिक ऊर्जा सजीव हो उठी। भोर होते ही लगभग 8000 लोगों ने पंक्तिबद्ध होकर एक साथ योगाभ्यास किया, जिसने समूचे वातावरण को शांति, अनुशासन और सामूहिकता के रंग में रंग दिया।

11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दीप प्रज्वलन से हुई शुरुआत, मंत्री ‘नंदी जी’ ने दिया संदेश
उत्तर प्रदेश सरकार के मा. कैबिनेट मंत्री श्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी जी’ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा:
“योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि भारत की प्राचीनतम वैज्ञानिक पद्धति है। यह नारा ‘करें योग, रहें निरोग’ एक प्रमाणिक सत्य है।”
सांसद प्रवीण पटेल ने योग को बताया भारतीय आत्मा का हिस्सा
मा. सांसद फूलपुर श्री प्रवीण कुमार पटेल ने कहा कि योग केवल तन नहीं, मन और आत्मा का उपचार है। उन्होंने प्रयागराज और योग की सनातन परंपरा पर बात करते हुए कहा कि यह शहर भारत की आत्मिक चेतना का केंद्र है।
योगाचार्य ने 32 आसनों के साथ कराया 45 मिनट का योगाभ्यास
योगाचार्य धर्मेंद्र मिश्र ने भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 32 प्रकार के योगासन और प्राणायाम का अभ्यास कराया। 45 मिनट के इस अनुशासित सत्र ने लोगों को ऊर्जावान और सकारात्मक अनुभव प्रदान किया।
प्रशासन की सटीक योजना, 4 ज़ोन और 12 सेक्टर में बांटा गया स्थल
पूरे आयोजन स्थल को 4 ज़ोन और 12 सेक्टरों में विभाजित किया गया था। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट्स और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों ने शांति और अनुशासन सुनिश्चित किया।
सैंड आर्ट में उभरा महर्षि पतंजलि का स्वरूप, बनी सेल्फी स्पॉट
सैंड आर्टिस्ट संजय गुप्ता द्वारा बनाई गई महर्षि पतंजलि की योग मुद्रा पर आधारित कलाकृति लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। मंत्री और अधिकारियों ने वहाँ सेल्फी लेकर इसे यादगार बनाया।
प्रत्येक ग्राम पंचायत, न्यायालय और विभागों ने निभाई सक्रिय भागीदारी
प्रयागराज के उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, सरस्वती घाट, कंम्पनी बाग, हर ग्राम पंचायत व ब्लॉक स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित हुए। लाखों लोगों की सहभागिता इस आयोजन को ऐतिहासिक बना गई।
9-14 जून तक चले प्रशिक्षण शिविर, 15 जून से संगोष्ठियों की शुरुआत
डॉ. मनोज कुमार सिंह (आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी) ने बताया कि जिले भर में योग प्रशिक्षण, प्रतियोगिताएं और संगोष्ठियों के माध्यम से समाज को जोड़ा गया।
समापन पर शांतिपाठ, जिलाधिकारी ने दी शुभकामनाएं
कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ से हुआ, जिसमें जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार मांदड़ ने जिले के सभी अधिकारियों व प्रतिभागियों को बधाई दी। संचालन डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी ने किया।
निष्कर्ष:
योग अब भारत का नहीं, बल्कि विश्व का संस्कार बन चुका है। संगम तट पर हुए इस विराट आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब संस्कृति, संकल्प और सहयोग एकत्रित हों, तो कोई भी आयोजन विश्वस्तरीय बन सकता है।
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