कलाग्राम में सांस्कृतिक कुंभ का आयोजन
कलाग्राम में सांस्कृतिक कुंभ का आयोजन
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रयागराज में आयोजित संस्कृतिक कुंभ में कलाग्राम की चौथी शाम लोक नृत्य और लोक गीतों की प्रस्तुति से सराबोर हो गई। पवित्र संगम की रेती पर बने भव्य मंच पर झारखंड के छाऊ नृत्य, उत्तराखंड के हारुल नृत्य, और राजस्थान के मटकी नृत्य जैसे लोकनृत्य प्रस्तुत किए गए।
लोक नृत्य और गीतों ने मोहा मन
चौथी शाम की शुरुआत झारखंड के छाऊ नृत्य से हुई, जिसमें कलाकारों ने अपनी अद्भुत लय और जोश से दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके बाद उत्तराखंड से आए भगत सिंह राणा और उनके दल ने हारुल नृत्य प्रस्तुत किया। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने भी घूमर, पनिहारी, छपेली, और मटकी नृत्य जैसे रंगारंग कार्यक्रम पेश किए।

- प्रमुख प्रस्तुतियां:
- डॉ. विजय चौरसिया और दल ने रीना शैला नृत्य किया।
- महेश नागर और साथी कलाकारों ने मटकी नृत्य प्रस्तुत किया।
- उकाराम परिहार ने बालातरा नृत्य और रत्नेश राणा ने थारू नृत्य पेश किया।
गुरुवार को मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति
गुरुवार की सांस्कृतिक संध्या में सुप्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर अपनी सुरीली आवाज़ और मनमोहक गीतों से दर्शकों को सम्मोहित करेंगी। मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति को लेकर दर्शकों में भारी उत्साह है।
स्वाद और शिल्प का संगम
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ दर्शक कलाग्राम में विभिन्न राज्यों के व्यंजनों का लुत्फ भी उठा सकते हैं। यहां शिल्पकारों और व्यंजनकारों ने अपने स्टाल लगाए हैं, जहां देशभर के पारंपरिक शिल्प और स्वादिष्ट व्यंजन उपलब्ध हैं।
कलाग्राम: संस्कृति और समृद्धि का प्रतीक
कलाग्राम में प्रस्तुतियां न केवल दर्शकों का मनोरंजन कर रही हैं, बल्कि देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रस्तुत कर रही हैं। इस आयोजन में भाग लेने वाले कलाकार अपने अंचल की अनूठी परंपराओं को सजीव कर रहे हैं।
टिप्पणी:
यह आयोजन भारतीय संस्कृति को समझने और महसूस करने का अनूठा मौका है। दर्शकों को इस आयोजन का हिस्सा बनने और देश की विविधता को करीब से जानने का अवसर नहीं चूकना चाहिए।
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