प्रयागराज, महाकुंभ-2025 में आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा है। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कलाग्राम, सेक्टर-7 में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में भव्य लोकनृत्य, शास्त्रीय संगीत और लोककला की प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। शनिवार को आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में देशभर के कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से आध्यात्मिक माहौल को और भी भावनात्मक बना दिया।

प्रसिद्ध गायिका राधा श्रीवास्तव की प्रस्तुति रविवार को
महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं के लिए विशेष संगीतमय संध्या का आयोजन किया जा रहा है। रविवार को कलाग्राम में प्रसिद्ध गायिका राधा श्रीवास्तव अपनी मधुर आवाज़ में भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगी। उनकी प्रस्तुति में शिव भजनों से लेकर आध्यात्मिक लोकगीतों तक का समावेश रहेगा, जो श्रद्धालुओं को भावविभोर कर देगा।
भव्य सांस्कृतिक संध्या में लोकनृत्य और संगीत का संगम
शनिवार को कलाग्राम में देशभर के लोकनृत्य और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को मोह लिया। प्रसिद्ध गायिका रश्मि अग्रवाल ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत शिव पंचाक्षर स्तोत्र से की और इसके बाद महाकुंभ में डुबकी लगा, महादेव जी मिल जाएंगे गीत की प्रस्तुति दी। इस दौरान पूरा पंडाल “हर हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा।
इसके अलावा उन्होंने राम नाम अति मीठा, कोई गा के देख ले और मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे जैसे भजन प्रस्तुत किए, जो दर्शकों को बेहद पसंद आए। श्रोताओं ने कभी राम बन के, कभी श्याम बन के और गंगा किनारे लगा मेला जैसे गीतों पर भावनात्मक रूप से झूमकर प्रतिक्रिया दी।
इसके बाद, प्रसिद्ध सरोद वादक डॉ. चंद्रिमा मजूमदार ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने सबसे पहले राग सरस्वती में एक झपताल रचना प्रस्तुत की, फिर राग खमाज और अंत में राग पहाड़ी में चलो मन गंगा जमुना तीर भजन प्रस्तुत कर सभी को आध्यात्मिक अनुभव दिया।
भारत के विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियाँ
महाकुंभ-2025 की इस सांस्कृतिक संध्या में लोकनृत्यों की भव्य झलक देखने को मिली।
- मध्य प्रदेश से अभिलाष चौबे एवं दल ने बधाई नृत्य प्रस्तुत किया।
- महाराष्ट्र से शेखर निरंजन भाकरे एवं दल ने सोंगी भारुड नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।
- जम्मू-कश्मीर से रशिका कौल एवं दल ने कश्मीरी पंडित लोकनृत्य का प्रदर्शन किया।
- उत्तराखंड से जितेंद्र बलोनी एवं साथी कलाकारों ने भड़िया चोफुला नृत्य से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
- राजस्थान से दुर्गा देवी और उनकी टीम ने तेराताली नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।
- असम से पद्मश्री द्रोणा द्वारा देवधानी नृत्य और आंध्र प्रदेश से पीली मेंटराजू द्वारा गरागालु नृत्य प्रस्तुत किया गया।
- श्रीराम भारतीय कला केंद्र ने रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका का अद्भुत मंचन किया, जिसने महाकुंभ के आध्यात्मिक माहौल को और ऊर्जावान बना दिया।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण
इस आयोजन का संचालन अभिजीत मिश्रा ने किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर कलाकारों की प्रस्तुतियों का आनंद लेते रहे। रविवार को इस आयोजन में प्रसिद्ध गायिका राधा श्रीवास्तव की प्रस्तुति एक और यादगार संगीतमय अनुभव होगी।
महाकुंभ-2025 में आध्यात्मिकता और संस्कृति का यह संगम श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव साबित हो रहा है। “हर हर गंगे!” के नारों के बीच यह आयोजन महाकुंभ के भव्य और दिव्य वातावरण को और ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
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