GSS 2024: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वैश्विक मानक सेमिनार का उद्घाटन किया, भारत डब्ल्यूटीएसए 2024 के लिए तैयार
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024:
भारत ने डिजिटल नवाचार और दूरसंचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर छू लिया है। केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में वैश्विक मानक संगोष्ठी (GSS) 2024 का उद्घाटन किया। यह आयोजन भारत में पहली बार हो रहा है और यह विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (WTSA) 2024 के लिए मंच तैयार करेगा। जीएसएस 2024 एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी तरह का पहला आयोजन है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।

डिजिटल परिवर्तन में भारत की अग्रणी भूमिका
अपने संबोधन में मंत्री सिंधिया ने कहा, “नवाचार को अलग-थलग होकर नहीं बल्कि सामंजस्य के साथ फैलाना चाहिए।” उन्होंने 5G नेटवर्क के सफल रोलआउट का उल्लेख किया और कहा कि भारत ने केवल 22 महीनों में अपने 98% जिलों को कवर कर लिया है। उन्होंने डिजी लॉकर, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) और आधार जैसी तकनीकी पहलों की भी प्रशंसा की, जो भारत को डिजिटल नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
सिंधिया ने बताया कि 5G प्रौद्योगिकी के प्रसार से 2040 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने का अनुमान है। उन्होंने यह भी बताया कि डिजी लॉकर वर्तमान में 30 करोड़ उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान कर रहा है और इसमें 6.75 अरब दस्तावेज संग्रहीत हैं।
WTSA 2024: भारत तय करेगा दूरसंचार का भविष्य
GSS 2024 कार्यक्रम 15 से 24 अक्टूबर 2024 तक चलने वाले WTSA के लिए मंच तैयार करेगा। यह कार्यक्रम एशिया-प्रशांत क्षेत्र और भारत में पहली बार आयोजित किया जा रहा है, जो दूरसंचार और प्रौद्योगिकी के मानकीकरण को एक नई दिशा देगा। मंत्री सिंधिया ने कहा, “GSS 2024 कार्यक्रम की यह संगोष्ठी हमारे लिए वैश्विक मानक बनाने और सभी के लिए कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का एक अवसर है।”
नए युग की तकनीकों के विषय पर, सिंधिया ने कहा, “एआई को कल्याण की शक्ति के रूप में विकसित करने के लिए, हमें गोपनीयता, पारदर्शिता और पूर्वाग्रह से संबंधित चिंताओं को दूर करना होगा। साथ ही, एक मजबूत नियामक ढांचा बनाना भी महत्वपूर्ण है।”
उद्घाटन सत्र में कई अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया:
प्रतिष्ठित अतिथियों के विचार
ITU महासचिव डोरेन बोगदान-मार्टिन ने कहा, “मानक केवल तकनीकी नियम नहीं हैं, वे अंतरसंचालनीयता और नवाचार को भी बढ़ावा देते हैं।” दूरसंचार विभाग (DOT) के सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने कहा, “इस संगोष्ठी में हम जो कदम उठाएंगे, वे दूरसंचार के भविष्य को निर्धारित करेंगे। भारत की प्रतिबद्धता ‘अंतरसंचालनीयता, बोधगम्यता और सुरक्षा’ पर केंद्रित है।”
(C-DOT) के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने GSS 2024 संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा, “आज की चर्चाएँ हमारे डिजिटल भविष्य की नींव रख रही हैं। मानवता की भलाई के लिए (AI) का उपयोग कैसे किया जाए, इस पर हमारे कार्य महत्वपूर्ण होंगे।”
भारत की तकनीकी क्षमता और वैश्विक महत्व
मंत्री सिंधिया ने भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता पर जोर देते हुए कहा कि यह संगोष्ठी भारत को दूरसंचार मानकीकरण और तकनीकी नवाचार के वैश्विक मंच पर और मजबूत करेगी। उन्होंने कहा, “हम सभी के लिए कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने और AI जैसी तकनीकों का जिम्मेदार उपयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
WTSA 2024 की विशेषताएं
- तिथि: 15 से 24 अक्टूबर 2024
- स्थान: भारत मंडपम, नई दिल्ली
- मेजबान: भारत सरकार और ITU
- उद्देश्य: दूरसंचार और प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक मानकीकरण को बढ़ावा देना
निष्कर्ष
GSS 2024 का उद्घाटन और WTSA 2024 के लिए तैयारियां भारत के डिजिटल नेतृत्व को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगी। यह आयोजन न केवल नए मानकों के निर्माण में सहायक होगा, बल्कि दूरसंचार और नवाचार के क्षेत्र में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा।
updarshan.online पर बने रहें और दूरसंचार और प्रौद्योगिकी से जुड़े हर महत्वपूर्ण अपडेट सबसे पहले पाएं!