स्वास्थ्य मंत्री Anupriya Patel ने औषधि विनियामकों के 19वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICDRA) को संबोधित किया
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री Anupriya Patel ने आज नई दिल्ली में 19वें अंतर्राष्ट्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण (ICDRA) सम्मेलन को संबोधित किया।
इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से 14 से 18 अक्टूबर के बीच हो रहा है। सम्मेलन में 200 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य अधिकारी और नीति निर्माता भाग ले रहे हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), डॉ. वी.के. पॉल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्य बिंदु: भारत की चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धियां और भविष्य की दिशा
नए नियामक नियमों पर जोर:
Anupriya Patel ने बताया कि “न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स 2019” और “मेडिकल डिवाइस रूल्स 2017” के माध्यम से भारत में अनुसंधान को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया गया है।
मेडिकल डिवाइस के विनियमन पर बल:
उन्होंने बताया कि अब मेडिकल डिवाइस को जोखिम आधारित पंजीकरण और मजबूत विनियामक प्रक्रियाओं के तहत लाया गया है। भारत का सहयोग WHO और IMDRF जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ हो रहा है। हाल ही में भारत को IMDRF में संबद्ध सदस्य का दर्जा प्राप्त हुआ है, जो देश के नियामकीय मानकों की वैश्विक स्वीकृति का संकेत है।
ई-गवर्नेंस और एआई का उपयोग:
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत में ई-गवर्नेंस के माध्यम से नियामकीय प्रक्रियाओं को पारदर्शी और कुशल बनाया गया है। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग से रोगी देखभाल और अनुसंधान में क्रांतिकारी बदलाव लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पारंपरिक चिकित्सा और कोविड वैक्सीन की उपलब्धियां:
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने 8 वैक्सीन विकसित किए और उन्हें वैश्विक मानकों पर खरा उतारा। साथ ही, पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को भी मुख्यधारा में लाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
भारत की स्वास्थ्य सेवा में निवेश और वैश्विक सहयोग की प्रतिबद्धता
Anupriya Patel ने कहा, “स्वास्थ्य सेवा को केवल एक विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।” उन्होंने आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि 500 मिलियन से अधिक लोगों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है।

Dr. V.K. Paul ने इस सम्मेलन की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोविड-19 के बाद इस तरह के वैश्विक सम्मेलन दवा नियामकों को मजबूत करने और डिजिटल स्वास्थ्य के नए युग को अपनाने का बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं।
WHO की सराहना और वैश्विक साझेदारी का आह्वान
WHO की सहायक महानिदेशक डॉ. युकिको नाकातिनी ने भारत की प्रगति को सराहते हुए कहा कि ICDRA 2024 कोविड महामारी के बाद का पहला बड़ा आयोजन है, जो मजबूत नियामक तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित करता है। उन्होंने वैक्सीन विनियमन में परिपक्वता स्तर III हासिल करने के लिए भारत की प्रशंसा की।
अमेरिकी FDA की उपायुक्त किम्बर्ली ट्रेज़ेक ने दवा निर्माण में नई तकनीकों के महत्व पर जोर देते हुए वैश्विक नियामक निकायों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता बताई।
ICDRA 2024: वैश्विक स्वास्थ्य के भविष्य की दिशा
डॉ. राजीव बहल, ICMR के महानिदेशक, ने भारत की अनुसंधान क्षमताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि महामारी के दौरान भारत ने मात्र तीन महीनों में कम लागत वाले परीक्षण विकसित किए। उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स (Mpox) के लिए भी तीन नए डायग्नोस्टिक टेस्ट विकसित किए गए, जिन्हें CDSCO ने मंजूरी दी।
Anupriya Patel ने सम्मेलन के अंत में सभी प्रतिभागियों से बेहतर स्वास्थ्य भविष्य के लिए सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “ICDRA केवल एक सम्मेलन नहीं है; यह हमारे साझा मिशन का हिस्सा है, जिसमें हम नवाचार और सहयोग से सभी के लिए स्वास्थ्य में सुधार लाने की दिशा में काम करेंगे।”
निष्कर्ष:
ICDRA 2024 न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां दवा नियामक निकायों और स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस सम्मेलन से भारत की वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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