महाकुंभ 2025 1 लाख लोगों को सहजयोग से आत्मसाक्षात्कार का अनुभव
महाकुंभ 2025 में सहजयोग का प्रभाव
महाकुंभ नगर में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान “सहजयोग आज का महायोग” शिविर ने सकारात्मक सोच और तनावमुक्त जीवन का संदेश दिया। शिविर में पीएसी, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआईएसएफ, एनसीसी, और पुलिस अकादमी के शिविरों में 21 जनवरी 2025 तक 1 लाख से अधिक लोगों को आत्मसाक्षात्कार प्राप्त हुआ।

सहजयोग: आत्मसाक्षात्कार का माध्यम
सहजयोग के मेला नोडल अधिकारी अजय भट्ट ने बताया कि नियमित ध्यान से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
- भूतकाल और भविष्य के विचारों से मुक्ति: सहजयोग ध्यान से निर्विचार अवस्था प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति वर्तमान में केंद्रित रहता है।
- शारीरिक और मानसिक संतुलन: कुंडलिनी जागरण के माध्यम से शरीर की तीन नाड़ियां – इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना में संतुलन प्राप्त होता है।
सहजयोग की शुरुआत और विस्तार
अजय भट्ट ने बताया कि श्री माताजी निर्मला देवी ने 5 मई 1970 को गुजरात के नारगोल से सहजयोग की शुरुआत की। आज 150 से अधिक देशों में लाखों लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं।
महाकुंभ 2025 में सहजयोग शिविर
10 जनवरी से 26 फरवरी तक सभी साधकों के लिए निःशुल्क ध्यान और आत्मसाक्षात्कार का आयोजन किया गया।
- शिविर की विशेषताएं:
- 1500 से अधिक प्रशिक्षित साधक, जिनमें डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस अधिकारी और सैन्य अधिकारी शामिल थे।
- 10 जनवरी से 19 जनवरी के बीच 1 लाख साधकों को आत्मसाक्षात्कार प्राप्त हुआ।
- उपस्थित गणमान्य लोग: शरद चौहान, चंद्रकांत, और मेजर अमर सिंह चंदेल जैसे लोग शिविर में उपस्थित रहे।
कुंडलिनी जागरण का अनुभव
सभी साधकों ने सहजयोग के माध्यम से कुंडलिनी जागरण और आत्मसाक्षात्कार की सुंदर अनुभूति का अनुभव किया।
महाकुंभ 2025 में सहजयोग का योगदान न केवल व्यक्तिगत विकास बल्कि समाज सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हुआ है।
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