एरी सखी मंगल गाओ री: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में दीपावली शिल्प मेले का भव्य आयोजन
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान के तहत प्रयागराज में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) द्वारा आयोजित 12 दिवसीय दीपावली शिल्प मेला 2024 धूमधाम से जारी है। इस मेले में देश के कोने-कोने से आए शिल्पकारों ने अपने हस्तनिर्मित उत्पादों के स्टॉल लगाए हैं। साथ ही एक ही छत के नीचे लोक संगीत, गायन, वादन और नृत्य की प्रस्तुतियों ने प्रयागराज के लोगों का दिल जीत लिया है।

सांस्कृतिक संध्या: ब्रज लोकनृत्यों ने बांधा समां
शुक्रवार की शाम मुक्ताकाशी मंच पर ब्रज के लोकनृत्यों की धुन गूंजी। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ मीरजापुर से आई फगुनी देवी और उनकी टीम ने बिरहा गायन से किया। उनकी प्रस्तुति “सुंदर शुघर सुहावन मीरजापुर तस्वीरीया छलकत बा” और “रामायण से गोदिया लखन के उठाई, दुलार करें राम रघुराई” को दर्शकों से भरपूर सराहना मिली।
इसके बाद नितिन सिंह और उनके दल ने “राम है जीवन, कर्म है श्याम, मत कर तू अभिमान रे बंदे” और “एरी सखी मंगल गाओ री, धरती अम्बर सजाओ री” जैसी मधुर प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मथुरा से आए दीपक शर्मा ने ब्रज वंदना “ब्रज चौरासी कोस में चार धाम, निज गांव वृंदावन” गाकर समां बांधा। उनके मयूर नृत्य की प्रस्तुति “एक दिन श्री कुमार राधिका मोर कुटी आयी मयूरन को देखन” पर दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं।
संगत में:
- कोरस: मोहित कुमार
- हारमोनियम: कुलदीप प्रकाश
- ढोलक: मिठाई विश्वकर्मा
- मंजीरा: रामजतन वर्मा
कार्यक्रम का सफल संचालन आभा मधुर ने किया।
दीपावली शिल्प मेला 2024 : विविध शिल्पों का संगम
दीपावली शिल्प मेला 2024 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय हस्तशिल्पों का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। मेले में मौजूद आकर्षक स्टॉल्स पर भारी भीड़ उमड़ रही है।
प्रमुख स्टॉल्स:
- कश्मीर: ड्राई फ्रूट्स
- भागलपुर: कलमकारी कला
- मधुबनी: साड़ी और सूट
- हरिद्वार: औषधीय जड़ी-बूटियां
- कर्नाटक: पारंपरिक खिलौने और सजावटी सामान
- दिल्ली: हैंडीक्राफ्ट और जर्मन सिल्वर-कॉपर की आर्टिफिशियल ज्वैलरी
लोक कलाकारों का प्रदर्शन
मेले के दौरान दर्शक हरियाणा और राजस्थान के मैदानी कलाकारों की अनूठी कला का आनंद भी ले रहे हैं। यहां खाने-पीने के स्टॉल्स के साथ-साथ क्षेत्रीय संस्कृति के विविध रंग बिखरे हुए हैं, जो पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को आकर्षित कर रहे हैं।
निष्कर्ष
प्रयागराज में दीपावली शिल्प मेला न केवल विभिन्न शिल्पों और लोक कलाओं का प्रदर्शन कर रहा है, बल्कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विचार को भी सशक्त बना रहा है। अगर आप संस्कृति और शिल्प के प्रेमी हैं, तो यह मेला जरूर देखें।
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