महाकुंभ 2025: शिव नृत्य-नाट्य का भव्य आयोजन
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में धर्म, संस्कृति और कला का अद्भुत संगम देखने को मिला। अब तक 54 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। इसी कड़ी में आज दिनांक 17 फरवरी 2025 को महाकुंभनगर स्थित गंगा पंडाल में शिव स्तुति और नृत्य नाट्य का भव्य आयोजन किया गया।

रेवती रामचंद्रम का मंत्रमुग्ध कर देने वाला भरतनाट्यम
कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति में शम्भू नाटनम की प्रसिद्ध भरतनाट्यम कलाकार रेवती रामचंद्रम ने अपने मनमोहक नृत्य से दर्शकों का दिल जीत लिया। तमिलनाडु सरकार द्वारा कलाईममानी पुरस्कार से सम्मानित रेवती जी ने अपनी प्रस्तुति में भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों को सजीव किया।
- उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत “शम्भू नृत्यम” से की, जिससे पूरा पंडाल शिवमय हो गया।
- इसके बाद उन्होंने भगवान नटराज की दिव्य झांकी प्रस्तुत की, जिसमें भगवान महादेव के डमरू की गूंज को दर्शाया।
- अंत में उन्होंने अपने गुरु मांगूड़ी दोराईराजा अय्यर द्वारा निर्देशित विशेष नृत्य “सुधा नृत्यम” का प्रदर्शन किया।
अनीथा गुहा की नृत्य नाटिका: शिव का कालकूट प्रसंग
इसके बाद मंच संभाला प्रसिद्ध नृत्यांगना अनीथा गुहा ने, जिन्होंने अपने नृत्य संयोजन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अमेरिका से संस्कृति में एक्सीलेंस पुरस्कार प्राप्त अनीथा गुहा ने भगवान शिव को समर्पित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की।
- उनकी प्रस्तुति “शंकरने पोटरी पोटरी” से प्रारंभ हुई, जिसमें भगवान शिव की स्तुति का भावपूर्ण प्रदर्शन किया।
- इसके बाद उन्होंने अमृत मंथन और कालकूट विष के प्रचलित प्रसंग को नृत्य के माध्यम से जीवंत कर दिया।
- इस मंचन में भगवान शिव द्वारा हलाहल विष को गले में धारण करने की झांकी देखकर दर्शक भाव-विभोर हो गए।
- उन्होंने अर्धनारीश्वर, शंकरा श्रीगिरी और पंच सीवन जैसे अद्वितीय नृत्यों की प्रस्तुति दी।
नितिन मुकेश के भजनों ने समां बांधा
शिव नृत्य और नाट्य के बाद बॉलीवुड के प्रसिद्ध पार्श्वगायक नितिन मुकेश ने अपने मधुर भजनों से दर्शकों को भक्ति रस में सराबोर कर दिया।
- उन्होंने “ज्योति से ज्योति जलाते चलो” भजन से शुरुआत की, जिससे पूरा पंडाल भक्तिमय हो गया।
- इसके बाद उन्होंने राम भजन गाकर माहौल को राममय कर दिया।
कलाकारों को मिला सम्मान
कार्यक्रम के अंत में संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिकारी श्री कमलेश कुमार पाठक एवं संस्कृति मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार सुश्री गौरी बसु ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
महाकुंभ 2025 में इस आयोजन ने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
याद रखें:
https://updarshan.online/कुंभ से जुड़ी हर छोटी-बड़ी ख़बर के लिए हमसे जुड़े रहे साथ ही हमारे इस News पोर्टल की नोटिफिकेशन को Allow करें, जिससे हमारी लेटेस्ट न्यूज़ की जानकारी आपको तत्काल मिल सके।
वेबसाइट: Updarshan.online
हमें ईमेल करें: help@updarshan.online