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आकाशवाणी निदेशक आशुतोष सुंदरम ने किया उद्घाटन | 12 दिनों तक चलेगा यह उत्सव
प्रयागराज, 17 अक्टूबर 2024: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के शिल्पहाट में गुरुवार शाम Deepawali Crafts Mela 2024, देश की संस्कृति और शिल्प कला का संगम, का भव्य आगाज हुआ। आकाशवाणी के निदेशक आशुतोष सुंदरम ने भगवान गणेश की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, नारियल फोड़कर और दीप प्रज्ज्वलन कर मेले का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित दर्शकों ने मेले के भव्य स्वरूप का आनंद लिया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आई कला, शिल्प और संस्कृति की झलक देखने को मिली।

प्रभारी निदेशक आशीष गिरि ने पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। अपने उद्घाटन भाषण में आशुतोष सुंदरम ने कला और शिल्प के संरक्षण और संवर्धन में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र मेला द्वारा निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह मेला न केवल कलाकारों को मंच प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय शिल्प को प्रोत्साहित करके आम जनता से जोड़ने का भी प्रयास करता है।
सांस्कृतिक संध्या में बिखरे लोकगीत और नृत्य के रंग
मेले के पहले दिन सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत मुक्ताकाशी मंच पर सुजीत कुमार और युवा कलाकारों द्वारा गणेश वंदना से हुई। इसके बाद भजन गायिका अंकिता चतुर्वेदी और उनके साथी कलाकारों ने “मेरे राम प्रयाग में आए”, “नगरी हो अयोध्या सी”, और “छाप तिलक सब छीनी रे” जैसे भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद मथुरा से आए दीपक शर्मा ने ब्रज संस्कृति पर आधारित लोकनृत्य प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस सांस्कृतिक संध्या ने न केवल लोककला को मंच प्रदान किया, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों का संगम भी दिखाया, जिससे उपस्थित दर्शकों को भारत की सांस्कृतिक विविधता का अनुभव हुआ।
Deepawali Crafts Mela 2024 में 114 स्टॉलों पर देशभर की शिल्प कला का प्रदर्शन
मेले में देशभर के शिल्पकारों ने कुल 114 स्टॉल लगाए हैं, जिनमें हर राज्य की अनूठी कला और उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। प्रमुख आकर्षणों में:
पंजाब की फुलकारी, हापुड़ के हैंड-ब्लॉक प्रिंट की चादरें, भदोही की कालीन, बुलंदशहर की खुर्जा ब्लू पॉटरी, जम्मू-कश्मीर के ड्राई फ्रूट और एंब्रॉयडरी आर्ट वियर, बिहार की मधुबनी पेंटिंग, हैदराबाद की पर्ल ज्वेलरी, राजस्थान की गोटा-पत्ती कला
इसके अलावा, प्रयागराज की आर्टिफिशियल ज्वेलरी, कर्नाटक के लकड़ी के खिलौने, और खादी बुटीक ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा। खानपान के स्टॉलों पर भी विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लेने का मौका मिल रहा है, जिससे मेला एक संपूर्ण सांस्कृतिक अनुभव में बदल गया है।
दर्शकों में उत्साह और भारी उपस्थिति
Deepawali Crafts Mela 2024 के पहले ही दिन बड़ी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति ने आयोजन को उत्साहजनक शुरुआत दी। मेले में लोगों का उत्साह देखते ही बनता था, जहां वे विभिन्न स्टॉलों पर खरीदारी करते और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लेते नजर आए। यह मेला न केवल शिल्पकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर देता है, बल्कि दर्शकों को भारत के विभिन्न हिस्सों की सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहरों से भी परिचित कराता है।
कार्यक्रम संचालन और उपस्थित गणमान्य
कार्यक्रम का संचालन शरद मिश्रा ने कुशलतापूर्वक किया। उद्घाटन समारोह के दौरान NCZCC के अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे और आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
मेला: शिल्प और संस्कृति का संगम
यह 12 दिवसीय Deepawali Crafts Mela 2024, 29 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। मेला न केवल हस्तशिल्प को बढ़ावा देने का प्रयास है, बल्कि कला, संस्कृति और शिल्प के संगम को भी दर्शाता है। दर्शक न केवल विभिन्न उत्पादों की खरीदारी कर सकेंगे, बल्कि हर शाम आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद भी ले सकेंगे।
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