प्रयागराज के कलाग्राम में सोमवार को संगीत प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय संगीतमय संध्या का आयोजन हुआ। प्रसिद्ध गायक Mohit Chauhan ने अपनी सुरीली आवाज़ और उत्कृष्ट गायन शैली से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस सांस्कृतिक संध्या में बॉलीवुड और सूफी संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिससे संगीतमय माहौल और भी रोचक हो गया।

बॉलीवुड और सूफी गीतों का शानदार मिश्रण
Mohit Chauhan ने अपने परफॉर्मेंस की शुरुआत मशहूर गाने “मसक्कली” से की, जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद उन्होंने “साडा हक” और “नादान परिंदे” जैसे धमाकेदार गीत प्रस्तुत किए, जिन पर युवा दर्शक झूम उठे। उनकी आवाज़ ने हर संगीत प्रेमी को भावनाओं से भर दिया।
इसके अलावा, उन्होंने “तू जाने ना”, “मासूमियत की बारिशें” और “फिर से उड़ चला” जैसे रोमांटिक गीत गाकर माहौल को और भी यादगार बना दिया। कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हर व्यक्ति मोहित चौहान की आवाज़ में खो गया। उनकी प्रस्तुति देर रात तक चली और श्रोता पूरे जोश में तालियां बजाते रहे।
पहाड़ी लोकगीतों ने भी बांधा समां
दर्शकों की विशेष मांग पर Mohit Chauhan ने पहाड़ी लोकगीत भी गाए, जिन्होंने माहौल को संगीतमय शांति और आनंद से भर दिया। इन गीतों में उनकी भावनात्मक अभिव्यक्ति ने सभी का दिल जीत लिया। उनकी सुरीली प्रस्तुति ने कलाग्राम के सांस्कृतिक मंच को एक यादगार संध्या में तब्दील कर दिया।
रानी खानम ने कथक से मोहा मन
Mohit Chauhan की प्रस्तुति के बाद, कथक उस्ताद रानी खानम ने अपने बेहतरीन कथक नृत्य से दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। उन्होंने अपने नृत्य में लय, भाव और गति का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उनके साथ उनके सीनियर डांस ग्रुप ने भी शानदार प्रदर्शन किया, जिसने शाम को और भी आकर्षक बना दिया।
बांसुरी की सुरीली धुनों में बहे श्रोता
इसके बाद, सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक अजय प्रसन्ना ने अपनी बांसुरी की मधुर तानों से वातावरण को सुरमय बना दिया। उनकी प्रस्तुति ने सभी को शांत और आत्मीय अनुभव कराया।
विभिन्न राज्यों के लोकनृत्यों ने जोड़ा रंग
कार्यक्रम में भारत की सांस्कृतिक विविधता भी देखने को मिली। विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुतियाँ दीं:
- असम – होली गेर नृत्य
- हरियाणा – पारंपरिक लोकनृत्य
- उत्तराखंड – गढ़वाल नृत्य
- कर्नाटक – ढोलू कुनिथा नृत्य
- तेलंगाना – चिन्धु यक्षगान नृत्य
- असम – मुखा भाऊना नृत्य
सम्मान समारोह और समापन की घोषणा
इस अवसर पर केंद्र के प्रभारी निदेशक आशिस गिरि और दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक के.के. गोपालकृष्णनन ने Mohit Chauhan को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका सम्मान किया।
कार्यक्रम का समापन मंगलवार को संस्कृति सचिव अरुणीश चावला के द्वारा किया जाएगा। इस संगीतमय और सांस्कृतिक आयोजन ने हर दर्शक को एक अद्भुत अनुभव दिया, जिसे वे लंबे समय तक याद रखेंगे।
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