दंडी स्वामी श्री ब्रह्माश्रम जी महाराज ने कथा और अन्नदान से मानव सेवा का दिया संदेश
दंडी स्वामी श्री ब्रह्माश्रम जी महाराज: भगवान की कथाएं जीवन की समस्याओं का समाधान
अखिल भारतीय दंडी सन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष दंडी स्वामी श्री ब्रह्माश्रम जी महाराज ने कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान की कथाएं केवल सुनने के लिए नहीं, बल्कि जीवन में अपनाने के लिए होती हैं। कथा के माध्यम से मनुष्य को अपने दुखों का निवारण करने और सही मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

स्वामी जी ने बताया कि मनुष्य के जीवन की तीन श्रेणियां होती हैं—
- पूर्ण रूप से दुखों से घिरा जीवन
- पूर्ण रूप से सुखमय जीवन
- सुख-दुख मिश्रित जीवन
इन सभी परिस्थितियों में सही मार्गदर्शन कथा के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। कथा हमें सिखाती है कि भगवान की शरण में जाने से अमृत की प्राप्ति होती है और जीवन के विष रूपी दुखों से छुटकारा मिल जाता है।
अन्नदान का महत्व: सेवा ही नारायण की आराधना
हरियाणा के चरखी दादरी स्थित अन्न क्षेत्र डंडी स्वामी नगर में दंडी संन्यासियों की सेवा को भगवान की सेवा बताया गया। स्वामी ब्रह्माश्रम जी ने कहा कि कलयुग में अन्नदान ही प्राणदान के समान है। जो व्यक्ति अन्नदान करता है, वह ईश्वर की कृपा प्राप्त करता है।
स्वामी जी ने कहा कि दंडी संन्यासियों की सेवा करना ही नारायण की सेवा करना है, और इसीलिए उनके अनुयायी सेवा और भिक्षा के रूप में दान करते रहते हैं।
समुद्र मंथन का उदाहरण: शरण में जाने से सुख की प्राप्ति
स्वामी ब्रह्माश्रम जी ने समुद्र मंथन का उदाहरण देते हुए बताया कि जब देवताओं और दैत्यों ने मंथन किया, तो अमृत और विष दोनों की प्राप्ति हुई। देवताओं ने भगवान नारायण की शरण ली, जिससे उन्हें अमृत प्राप्त हुआ, जबकि दैत्यों को कुछ नहीं मिला। इससे यह शिक्षा मिलती है कि जो भगवान की शरण में जाता है, उसे सुख की प्राप्ति होती है और दुखों से छुटकारा मिलता है।
निष्कर्ष
स्वामी ब्रह्माश्रम जी महाराज ने कथा और अन्नदान को मानव सेवा का सबसे बड़ा साधन बताया। उन्होंने कहा कि कथा सुनने और जीवन में अपनाने से व्यक्ति के दुखों का निवारण होता है, और अन्नदान से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
📍 स्थान: अन्न क्षेत्र डंडी स्वामी नगर, हरिश्चंद्र मार्ग, सेक्टर 18, पुल नंबर 16, चरखी दादरी, हरियाणा
📅 आयोजन जारी: कथा और अन्नदान सेवा कार्यक्रम
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