"छाऊ नृत्य और लोकधुनों की रंगीनी ने, दीपावली शिल्प मेले 2024 को बनाया सांस्कृतिक उत्सव"
रविवार शाम उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित दीपावली शिल्प मेले की सांस्कृतिक संध्या ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। मुक्ताकाशी मंच पर कलाकारों ने सुर, लय और ताल की ऐसी प्रस्तुति दी, जिसने शिल्पहाट को जीवंत बना दिया।

बुंदेली गायन से हुई सांस्कृतिक संध्या की भव्य शुरुआत
मोहिनी और दल ने अपने बुंदेली गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसकी हर धुन पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
शाम की शुरुआत बुंदेली गायन से हुई, जिसे मोहिनी और उनके दल ने प्रस्तुत किया। इसके बाद सूफी गायक ईशान मिश्रा ने अपने प्रसिद्ध गीत—”कहना गलत गलत”, “अखियां उड़ीक दिया”, और “काली काली जुल्फों के” सुनाकर समां बांध दिया। दर्शक गीतों पर थिरकने से खुद को रोक नहीं पाए।
सूफी गायक ईशान मिश्रा के गीतों पर झूमे दर्शक
“अखियां उड़ीक दिया” और “कहना गलत गलत” जैसे गीतों ने माहौल को सूफी रस में सराबोर कर दिया।
इसके बाद मोहिनी के दल ने मृदंग की थाप और घुंघरुओं की झंकार पर राई लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साहवर्धन किया।
मृदंग और घुंघरुओं की थाप पर राई लोकनृत्य की प्रस्तुति
मोहिनी और उनके दल ने मृदंग की धुनों पर झंकारते घुंघरुओं के संग राई नृत्य प्रस्तुत कर तालियां बटोरीं।
इसके बाद मोहिनी के दल ने मृदंग की थाप और घुंघरुओं की झंकार पर राई लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साहवर्धन किया।
राजस्थान के घूमर और चरी नृत्य ने बांधा समां
वीरेंद्र सिंह गौड़ के नेतृत्व में राजस्थानी दल ने घूमर और चरी नृत्य से पारंपरिक धरोहर की झलक पेश की।
राजस्थान से आए वीरेंद्र सिंह गौड़ और उनके दल ने चरी और घूमर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जिसकी हर धुन पर नगाड़े की थाप ने समां बांध दिया।
छाऊ नृत्य ने भारतीय शौर्य और विरासत की दिलाई याद
झारखंड से आए जोधा राम और उनके दल ने छाऊ नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को प्राचीन संस्कृति से जोड़ा।
झारखंड से आए जोधा राम और उनके दल द्वारा प्रस्तुत छाऊ नृत्य भारतीय संस्कृति और शौर्य की सजीव झलक दिखा गया। दर्शक अपने प्राचीन लोकनृत्य को देख अभिभूत हो गए
शिल्प, स्वाद और खरीदारी का आनंद लेते दिखे लोग
मेले में लोककलाओं के संग हस्तशिल्प और स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाते हुए लोगों ने जमकर खरीदारी की।
कार्यक्रम का कुशल संचालन शरद मिश्रा ने किया। लोक नृत्यों और सूफी संगीत के इस सफर के साथ शिल्प मेले में आए लोगों ने हस्तशिल्प और व्यंजनों का आनंद भी लिया। मेले के समापन के करीब होने के बावजूद लोगों ने खरीदारी में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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