गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव में सीएम योगी
गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव में सीएम योगी ने किया संबोधन, सिख गुरुओं की परंपरा से प्रेरणा लेने का आह्वान!
लखनऊ, 06 जनवरी 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव कार्यक्रम में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के बलिदान व उनके प्रेरणादायक जीवन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने जाति-भेद मिटाने और धर्म की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी।

सिख गुरुओं के बलिदान की परंपरा
मुख्यमंत्री ने सिख गुरुओं की बलिदानी परंपरा को स्मरण करते हुए कहा:
- गुरु नानक देव जी ने धर्म और समाज में सुधार की शुरुआत की।
- गुरु अर्जुन देव जी और गुरु तेग बहादुर सिंह जी ने धर्म और मानवता के लिए अपना बलिदान दिया।
- गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ के जरिए समाज को एकजुट किया और धर्म पर संकट के समय नेतृत्व प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों के बलिदान का उल्लेख किया:
- माता गुजरी ने इस आघात को सहते हुए प्राण त्याग दिए।
- बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह ने चमकौर के युद्ध में वीरता से लड़ते हुए शहादत दी।
- बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को दीवारों में जीवित चुनवा दिया गया, लेकिन उन्होंने धर्म नहीं छोड़ा।
खालसा पंथ और प्रेरणा का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोबिंद सिंह जी के इस संदेश को दोहराया, “चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हजार।” उन्होंने कहा कि यह पंक्ति आज भी हमें नई प्रेरणा और ऊर्जा देती है। गुरु परंपरा के प्रति श्रद्धा का भाव समाज को दिशा और मजबूती प्रदान करता है।
350वें शहीदी पर्व का आयोजन
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस वर्ष गुरु तेग बहादुर सिंह जी महाराज के 350वें शहीदी पर्व को बड़े स्तर पर मनाया जाएगा। यह आयोजन लोगों को सिख गुरुओं के बलिदान और खालसा पंथ की शिक्षाओं से जोड़ने का एक प्रयास होगा।
ऐतिहासिक परंपरा का संरक्षण
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और गुरु तेग बहादुर जी ने लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे में विश्राम किया था। इस ऐतिहासिक धरोहर को भावी पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।
आयोजन में उपस्थित गणमान्य
इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को सरोपा और सम्मान चिन्ह भेंट किया गया।
यह आयोजन गुरु परंपरा की गौरवशाली यात्रा से प्रेरणा लेने और समाज को नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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