महाकुंभ 2025 महानिर्वाणी अखाड़ा में 78 फीट लंबी धर्म ध्वजा की स्थापना
महाकुंभ 2025: धर्म ध्वजा स्थापना से शुरू हुई अखाड़ों की परंपरा
त्रिवेणी मार्ग पर अखाड़ा नगर का निर्माण
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी मार्ग पर अखाड़ा नगर का निर्माण जारी है। सभी 13 अखाड़ों के लिए भव्य छावनियां तैयार की जा रही हैं, जहां देशभर से आए संत और महात्मा निवास करेंगे।

धर्म ध्वजा स्थापना का महत्व
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने रविवार को परंपरा के अनुसार 52 हाथ (78 फीट) लंबी धर्म ध्वजा स्थापित की। यह ध्वजा अखाड़े के आराध्य इष्ट देव भगवान कपिल महामुनि को समर्पित है, जो भगवान विष्णु के 24 अवतारों में पांचवें अवतार माने जाते हैं।
धर्म ध्वजा निर्माण प्रक्रिया:
चरण | विवरण |
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1. पेड़ की छाल निकाली जाती है | ध्वजा दंड के लिए इस्तेमाल होने वाले पेड़ को शुद्ध किया जाता है। |
2. रस्सी लपेटी जाती है | धर्म दंड पर रस्सी का विशेष लेप किया जाता है। |
3. गेरू से पुताई | गेरू सत्य और सनातन का प्रतीक है, इसलिए इसका उपयोग किया जाता है। |
4. वस्त्र पहनाया जाता है | गेरू और रस्सी के साथ धर्म ध्वजा को सजाया जाता है। |
महानिर्वाणी अखाड़ा: परंपरा और संस्कृति
महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत यमुना पुरी के अनुसार, 52 हाथ लंबी ध्वजा अखाड़े की 52 मढ़ियों और 52 शक्तिपीठों का प्रतीक है। यह पूरे महाकुंभ के दौरान शान से फहराती रहती है।
महाकुंभ 2025 की आध्यात्मिक शुरुआत
धर्म ध्वजा और इष्ट देव की स्थापना महाकुंभ की आध्यात्मिक शुरुआत का प्रतीक है। महानिर्वाणी अखाड़े और अटल अखाड़े में पर्व ध्वजा स्थापित करने की परंपरा भी है, जो अखाड़ों की धार्मिक शक्ति और उनकी परंपराओं को दर्शाती है।
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