मिशन शक्ति सम्मेलन 2024: ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर में हुआ भव्य आयोजन, कुंभ मेला 2025 के लिए 21 दिवसीय सेवा कुंभ का ऐलान
प्रयागराज, सिविल लाइन्स: आज ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के सभागार में हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान (पूर्वी उत्तर प्रदेश) द्वारा आयोजित “Misson sakti sammelan 2024” का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशिष्ट अतिथियों और मातृ शक्तियों ने भागीदारी की।

मुख्य अतिथि और वक्ताओं की उपस्थिति
मिशन शक्ति सम्मेलन 2024 के मुख्य अतिथि डॉ. गुणवंत कोठारी, जो हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक हैं, ने अपने संबोधन में सेवा और आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर दिया।
इसके साथ ही, मुख्य वक्ता डॉ. कीर्ति पांडेय, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश चयन आयोग, ने मिशन शक्ति के उद्देश्यों और आगामी कुंभ मेला 2025 में आयोजित होने वाले सेवा कुंभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अन्य सम्माननीय अतिथियों में डॉ. गिरीश चंद्र त्रिपाठी (पूर्व कुलपति, बीएचयू), अमरनाथ जी (क्षेत्र संयोजक, पूर्वी उत्तर प्रदेश), और अभिलाषा गुप्ता (पूर्व महापौर) ने भी महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
विशेष अतिथियों का सम्मान और स्वागत समारोह
कार्यक्रम संयोजक अनामिका चौधरी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर गर्मजोशी से स्वागत किया। इस आयोजन का संचालन डॉ. वंदना तिवारी ने किया, और धन्यवाद ज्ञापन अर्चना शुक्ला ने दिया।
सेवा कुंभ: कुंभ मेला 2025 का मुख्य आकर्षण
सम्मेलन में यह घोषणा की गई कि आगामी कुंभ मेला 2025 के दौरान सेवा कुंभ का आयोजन किया जाएगा, जो पूरे 21 दिनों तक जारी रहेगा। इसमें आध्यात्मिकता और सेवा के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने का प्रयास किया जाएगा।
महिला संगठनों की भागीदारी
कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संगठनों की महिला प्रमुखों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इन प्रमुख महिलाओं में आकांक्षा सोनकर, शिखा रस्तोगी, अल्पना सिंह, रंजना मिश्रा, वंदना शर्मा, राजलक्ष्मी तिवारी, जूही श्रीवास्तव, सरोज गुप्ता, चंद्रा अहलूवालिया, ऊष्मा सिंह और स्वारिका भारद्वाज जैसी हस्तियां शामिल थीं। लगभग 200 मातृ शक्तियों ने इस सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे आयोजन का वातावरण और अधिक प्रेरणादायक बना।
निष्कर्ष:
यह सम्मेलन समाज में महिलाओं की शक्ति और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक शानदार प्रयास था। कार्यक्रम ने न केवल आध्यात्मिकता और सेवा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया, बल्कि कुंभ मेला 2025 में सेवा कुंभ के आयोजन की तैयारी को भी रेखांकित किया।
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