NCZCC केंद्र प्रयागराज में तीसरी सांस्कृतिक संध्या
NCZCC केंद्र प्रयागराज में तीसरी सांस्कृतिक संध्या की विशेषताएं
नृत्य नाटिका: गंगा अवतरण की कथा
दिल्ली की नेहा महावर और उनके दल ने नृत्य नाटिका के माध्यम से गंगा अवतरण की कथा प्रस्तुत की। यह भक्ति से परिपूर्ण प्रस्तुति दर्शकों को बेहद पसंद आई। उनके ताल, मुद्राओं और भावभंगिमाओं ने समां बांध दिया।

भजनों की शानदार प्रस्तुतियां
प्रयागराज के रत्नेश दुबे और मास्टर प्रत्यूष श्रीवास्तव ने भजनों की अनोखी प्रस्तुति देकर सांस्कृतिक संध्या को और खास बनाया। “जा तोसे नहीं बोलूं कन्हैया” और “तेरी करुणा से सब की विपदा टली” जैसे भजनों ने दर्शकों को भक्ति रस में डुबो दिया।
लोकनृत्य: भारत की विविधता की झलक
NCZCC केंद्र प्रयागराज तीसरी सांस्कृतिक संध्या में देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोकनृत्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
राज्य | प्रस्तुति | कलाकार/दल |
---|---|---|
असम | बिहू नृत्य | नितुल चोटिया और दल |
झारखंड | पैका और छाऊ नृत्य | सुबोध परमाणिक और साथी |
मध्य प्रदेश | रीन शैला नृत्य | सुमन परस्ते |
सागर (म.प्र.) | बधाई और नौरता नृत्य | नदीम राइन और दल |
शिल्प उत्पादों का आकर्षण
NCZCC केंद्र प्रयागराज सांस्कृतिक संध्या के साथ शिल्प मेले में विभिन्न राज्यों से लाए गए शिल्प उत्पादों ने भी दर्शकों को आकर्षित किया।
आगामी कार्यक्रम
बुधवार को मुक्ताकाशी मंच पर देश के विविध राज्यों की रंगारंग प्रस्तुतियां होंगी। इनमें प्रमुख आकर्षण होंगे:
- उत्तराखंड: लोकनृत्य
- गुजरात: डांडिया और गरबा
- महाराष्ट्र: लावणी नृत्य
- तमिलनाडु: कावड़ी और कड़गम
- महोबा: आल्हा गायन
समापन
NCZCC केंद्र प्रयागराज में तीसरी सांस्कृतिक संध्या ने न केवल भारतीय कला और संस्कृति को मंच दिया बल्कि दर्शकों को समृद्ध अनुभव भी प्रदान किया।
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