निरंजनी अखाड़े में चादरपोशी कर बनाए गए दो नए महामंडलेश्वर,
निरंजनी अखाड़े में दो नए महामंडलेश्वर बने, संत समाज ने दी शुभकामनाएं
महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े की छावनी में भव्य आयोजन के तहत स्वामी पूर्णानंद गिरि (निरंजनी अखाड़ा, कलोल, अहमदाबाद) और स्वामी कालीचरण (हरियाणा) को महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस पावन अवसर पर संत महापुरुषों और श्रद्धालुओं ने चादरपोशी की रस्म अदायगी के बाद पुष्प वर्षा कर उन्हें शुभकामनाएं दी।

निरंजन पीठाधीश्वर ने दिया आशीर्वाद
निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा:
- संतों की वाणी में दिव्यता और शांति होती है।
- माँ सरस्वती की कृपा से संत हमें सत्य, ज्ञान और भक्ति की ओर मार्गदर्शन करते हैं।
उन्होंने नव नियुक्त महामंडलेश्वरों को साधुवाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
अखाड़ा परिषद का संदेश
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महेंद्र रवींद्र पुरी महाराज ने नव नियुक्त महामंडलेश्वरों के लिए संदेश दिया:
- वे अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियों को निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएं।
- उनका मार्गदर्शन भक्तों और समाज के लिए प्रेरणादायक हो।
कार्यक्रम में मौजूद संत महापुरुष
इस भव्य आयोजन में अखाड़ा परिषद के सचिव और अन्य प्रमुख संतों ने भाग लिया। उपस्थित प्रमुख संत:
- महामंडलेश्वर स्वामी ललित नंद गिरी
- महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश
- श्री महंत राम रतन गिरी
- स्वामी प्रेमानंद पुरी
- स्वामी अन्नपूर्णा भारती
और कई अन्य संत महापुरुष।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 में निरंजनी अखाड़े की यह परंपरा भारतीय सनातन धर्म की गरिमा और संत समाज की एकता को दर्शाती है। नव नियुक्त महामंडलेश्वर अपने मार्गदर्शन से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे।
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