निरंजनी अखाड़े में दो नए महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञा नन्द गिरी और रामकृष्णानन्द गिरी!
निरंजनी अखाड़े में दो नए महामंडलेश्वर: स्वामी प्रज्ञा नन्द गिरी और रामकृष्णानन्द गिरी!
महामंडलेश्वर पद की गरिमा और परंपरा
महाकुंभ नगर प्रयागराज के श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में स्वामी प्रज्ञा नन्द गिरी (गुजरात) और रामकृष्णानन्द गिरी (उज्जैन) को महामंडलेश्वर के पद पर अभिषेक किया गया। यह समारोह निरंजन पीठाधीश्वर और पंच महंतों की देखरेख में संपन्न हुआ। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ तिलक चादर देकर परंपरागत तरीके से पट्टा अभिषेक किया गया।

महामंडलेश्वर की जिम्मेदारियां
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने बताया कि यह पद केवल योग्य संतों को दिया जाता है। महामंडलेश्वर बनने के बाद धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करना होता है।
नव नियुक्त महामंडलेश्वर | स्थान |
---|---|
स्वामी प्रज्ञा नन्द गिरी | दाहोद काछला ढंढेला, गुजरात |
रामकृष्णानन्द गिरी | उज्जैन |
निरंजनी अखाड़े में संत महापुरुषों की उपस्थिति
इस अवसर पर अखाड़ा सचिव और अन्य प्रतिष्ठित संतों ने नव नियुक्त महामंडलेश्वरों को आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं।
नव नियुक्त महामंडलेश्वरों का वक्तव्य
स्वामी प्रज्ञा नन्द गिरी और रामकृष्णानन्द गिरी ने कहा कि वे इस जिम्मेदारी का निर्वाह निष्ठा और समर्पण के साथ करेंगे। उन्होंने संतों और गुरुजनों को अपना प्रेरणास्रोत बताया।
निरंजनी अखाड़े में यह समारोह सनातन धर्म और अखाड़े की परंपराओं का प्रतीक है। ऐसे आयोजनों से संत समाज को नई ऊर्जा मिलती है और समाज में अध्यात्म का प्रचार-प्रसार होता है।
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