महाकुंभनगर, 18 फरवरी। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और साउथ फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार पवन कल्याण ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर खुद को धन्य माना। उन्होंने महाकुंभ-2025 को मानव एकता का महान अवसर करार देते हुए कहा कि हम भाषा या संस्कृति के तौर पर अलग हो सकते हैं, लेकिन धर्म के रूप में एक हैं।

महाकुंभ सनातनी आस्था का सबसे बड़ा क्षण: पवन कल्याण
महाकुंभ के अवसर पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने के बाद पवन कल्याण ने कहा,
“सनातनी आस्था का यह सबसे बड़ा क्षण है। मैं 16-17 वर्ष की उम्र में एक योगी की आत्मकथा पढ़ने के बाद से ही कुम्भ से आकर्षित था। दशकों से मेरी यह इच्छा थी जो आज पूरी हुई।”
महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों का संगम
उन्होंने कहा कि महाकुंभ न केवल पवित्र जलधाराओं का संगम है, बल्कि आस्था, संस्कृति और सनातन मूल्यों का भी संगम है। यह महाआयोजन शताब्दियों से चला आ रहा है और इसकी दिव्यता और भव्यता अद्वितीय है।
सीएम योगी की व्यवस्थाओं की तारीफ
पवन कल्याण ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा,
“योगी सरकार द्वारा किए गए इंतजाम अत्यंत सराहनीय हैं। महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता को बनाए रखने के लिए किए गए प्रयासों की मैं प्रशंसा करता हूँ।”
महाकुंभ में भारत की आत्मा का साक्षात्कार
पवन कल्याण ने महाकुंभ को भारतीय आत्मा का साक्षात्कार बताते हुए कहा कि यह आयोजन विभिन्न परंपराओं, शैलियों, पद्धतियों और मान्यताओं को जोड़ने वाला है।
मुख्य बिंदु | विवरण |
---|---|
घटना | त्रिवेणी संगम में पवन कल्याण का स्नान |
स्थान | प्रयागराज, महाकुंभ-2025 |
मुख्य बयान | “हम भाषा-संस्कृति में अलग, लेकिन धर्म के रूप में एक हैं।” |
सीएम योगी की सराहना | महाकुंभ की व्यवस्थाओं की तारीफ की |
निष्कर्ष
महाकुंभ-2025 न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। पवन कल्याण का महाकुंभ में आना और उनकी सकारात्मक प्रतिक्रिया इस आयोजन की वैश्विक महत्ता को दर्शाता है।
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