शिल्प मेला 2024 प्रयागवासियों के लिए खास आकर्षण
शिल्प मेला 2024: हरियाणा के लोकनृत्य और देशभर की सांस्कृतिक झलकियों ने मोहा दर्शकों का मन
लोकनृत्य और संगीत ने बांधा समां
प्रयागराज में चल रहे शिल्प मेला 2024 के दूसरे दिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हरियाणा के लोकनृत्य, ओडिशा के रणप्पा नृत्य, और असम के बिहू नृत्य ने मेले की रौनक बढ़ा दी।

- सुल्तानपुर से आई दीपिका मिश्रा एवं दल ने गणेश वंदना और मेला गीतों की मधुर प्रस्तुति दी।
- ओडिशा से आए पवित्र महापात्रा ने रणप्पा नृत्य और शंखवादन से समां बांध दिया।
- असम के नितुल चोटिया एवं दल ने बिहू नृत्य के जरिए असम की सांस्कृतिक झलक पेश की।
- लोकगीतों की प्रस्तुति में आशुतोष श्रीवास्तव और नदीम राईन ने अपनी गायकी से खूब तालियां बटोरी।
विभिन्न राज्यों के शिल्प और व्यंजन
160 स्टालों के माध्यम से देशभर के शिल्पकार अपने अद्वितीय उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
- राजस्थान की जलेबी और लखनऊ के मशहूर कबाब खूब पसंद किए जा रहे हैं।
- गुजरात का ढोकला, फाफड़ा और ठेपला लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
- बिहार का चूरमा और मिजोरम की हस्तनिर्मित वस्तुएं खूब खरीदी जा रही हैं।
प्रदेश | लोकनृत्य | लोकगीत |
---|---|---|
हरियाणा | हरियाणवी नृत्य | मेला गीत |
ओडिशा | रणप्पा नृत्य | शंखवादन |
असम | बिहू नृत्य | बिहू लोकगीत |
प्रयागवासियों के लिए खास आकर्षण
शिल्प मेला न केवल खरीददारी और व्यंजनों का केंद्र है, बल्कि सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत मंच भी है।
- सुबह से ही दर्शकों की भीड़ शिल्प हाट में जुटने लगती है।
- यह मेला 12 दिसंबर 2024 तक चलेगा, जिसमें हर दिन दर्शकों के लिए नई-नई प्रस्तुतियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
निष्कर्ष
यह मेला प्रयागवासियों के लिए न केवल मनोरंजन का, बल्कि देश की सांस्कृतिक विविधता से रूबरू होने का सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है।
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