युवा चेतना शिविर सनातन के सिद्धांतों से राष्ट्र निर्माण की ओर
युवा चेतना शिविर: “सनातन के सिद्धांतों से राष्ट्र निर्माण की ओर”
प्रयागराज महाकुंभ के नेताजी सेवा संस्थान शिविर में युवा चेतना के तत्वावधान में “युवा वर्ग और सनातन धर्म” विषय पर बौद्धिक सत्र का आयोजन किया गया। इस आयोजन में स्वामी प्रखर महाराज, स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, और युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इसके अलावा, सनातन धर्म के महत्व, उसके संस्कार, और राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका पर व्यापक चर्चा की गई।

सनातन धर्म: संस्कार, त्याग और तपस्या का प्रतीक
कार्यक्रम का विषय प्रवेश करते हुए स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि सनातन धर्म हमारे जीवन में संस्कार, त्याग और तपस्या का महत्व स्थापित करता है। उन्होंने युवाओं से भगवान राम और कृष्ण को अपना आदर्श मानने का आग्रह किया। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा, “युवाओं को सनातन धर्म का ध्वज लेकर भारत माता के वैभव को बढ़ाने के लिए श्रमदान करना चाहिए। यदि आज’s का युवा वर्ग संगठित हो जाए, तो राष्ट्र निर्माण में तेजी लाई जा सकती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे जीवन में जब तक संतुलन और संस्कार नहीं होंगे, तब तक हम किसी भी उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकते। सनातन धर्म का उद्देश्य यही है कि व्यक्ति अपने कर्तव्यों और धर्म का निर्वाह करते हुए समाज की उन्नति में योगदान दे।
युवाओं को संगठित होने की आवश्यकता: स्वामी प्रखर महाराज
स्वामी प्रखर महाराज ने युवाओं से एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आज’s के समय में हमें संगठित होना अत्यंत आवश्यक है। युवाओं को अपने भीतर सकारात्मक सोच विकसित करनी चाहिए।” स्वामी प्रखर महाराज ने बीते दिन उदयपुर में हिंदू धर्म के प्रति हुई नृशंस घटना का उल्लेख करते हुए, समाज को सतर्क और संगठित रहने का संदेश दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार सनातन धर्म के उत्थान के लिए सराहनीय कार्य कर रही है। कुंभ मेला के आयोजन में युवा चेतना के सेवा कार्यों की उन्होंने प्रशंसा की।
युवा चेतना: प्रभु राम के आदर्शों को अपनाने का संदेश
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सनातन धर्म की नींव प्रभु राम के आदर्शों पर आधारित है। उन्होंने कहा, “प्रभु राम ने मर्यादा का पालन करते हुए अपने जीवन को मानव जाति के लिए एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया। आज का युवा वर्ग यदि उनके जीवन से प्रेरणा लेता है, तो भारत को 2047 तक विश्व शक्ति के रूप में स्थापित किया जा सकता है।”
रोहित कुमार सिंह ने औरंगजेब और उसके परिवार के उदाहरण का जिक्र करते हुए कहा कि सनातन धर्म की तुलना में अन्य विचारधाराएँ समाज में विनाश और असंतुलन का कारण बनीं। उन्होंने युवाओं को प्रभु राम और भगवान कृष्ण जैसे आदर्श व्यक्तित्वों का अनुसरण करने की प्रेरणा दी।
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति
इस बौद्धिक सत्र में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। आचार्य सत्यनारायण अवस्थी, मुकेश पांडेय, संदीप पांडेय आपा, शिवपाल यादव, पप्पू यादव और अन्य कई प्रमुख अतिथि इस अवसर पर उपस्थित थे। इन सभी ने सनातन धर्म की महत्ता और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए।
राष्ट्र निर्माण और सनातन धर्म का भविष्य
कार्यक्रम में यह निर्णय लिया गया कि युवाओं को सनातन धर्म के मूल्यों के साथ जोड़ने के लिए इस तरह के बौद्धिक सत्रों का आयोजन नियमित रूप से किया जाएगा।
युवाओं ने भी इस सत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी जिज्ञासाओं को स्वामी प्रखर महाराज और स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी के साथ साझा किया। इस अवसर पर सनातन धर्म के सिद्धांतों को आधुनिक जीवनशैली में अपनाने और इसे विश्व पटल पर प्रमुखता से प्रस्तुत करने की चर्चा हुई।
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