प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित कलाग्राम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की धूम मची हुई है। विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलक और भक्ति भाव से ओतप्रोत संध्या ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद से भर दिया।
गुरुवार की सांस्कृतिक संध्या में बनारस घराने के प्रसिद्ध कथक नृत्य कलाकार सदानंद विश्वास ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुति में कथक की पारंपरिक गत, चक्रदार तिहाई, तटकार और भावपूर्ण अभिनय का बेजोड़ समन्वय देखने को मिला, जिसने दर्शकों को भक्ति की गहराइयों तक पहुंचा दिया। विशेष रूप से, उनके द्वारा प्रस्तुत ‘शिव तांडव’ और ‘गंगा स्तुति’ ने पूरे माहौल को दिव्यता से भर दिया।

कलाग्राम में लोक नृत्यों का रंगारंग प्रदर्शन
सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत कर्नाटक के कार्डिम जलू नृत्य से हुई, जिसने दर्शकों को दक्षिण भारतीय संस्कृति से परिचित कराया। इसके बाद, असम के कलाकारों ने गोवर्धन नृत्य और दशावतार नृत्य प्रस्तुत किया। श्रद्धालुओं को गुजरात का मेवासी नृत्य, त्रिपुरा का लेबांग नृत्य, जम्मू का डोंगरी नृत्य, अरुणाचल प्रदेश का टापू और रिखमपाड़ा नृत्य भी देखने को मिला।
वहीं, अयोध्या से आए कलाकारों ने फरवाही नृत्य की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। इन विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने महाकुंभ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और भी बढ़ा दिया।
सदानंद विश्वास की कथक प्रस्तुति बनी मुख्य आकर्षण
सदानंद विश्वास के कथक नृत्य ने पूरे कार्यक्रम में जान डाल दी। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में ताल, लय और भावनाओं का ऐसा संयोजन किया कि दर्शकों को यह अनुभव हुआ जैसे वे भक्ति रस में डूब गए हों। उनकी गंगा स्तुति और शिव तांडव ने पूरे माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषार्थी ने किया। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु और दर्शक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
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