महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को जगद्गुरु की उपाधि: परी अखाड़ा में ऐतिहासिक आयोजन
महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को जगद्गुरु की उपाधि: परी अखाड़ा में ऐतिहासिक आयोजन।
परी अखाड़ा, अरैल, प्रयागराज में बुधवार को किन्नर महामंडलेश्वर स्वामी हिमांगी सखी मां का पट्टाभिषेक कर उन्हें “जगद्गुरु” की उपाधि प्रदान की गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर परी अखाड़ा की प्रमुख त्रिकाल भवंता ने नारी सुरक्षा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।

नारी सुरक्षा के लिए संत महात्माओं का आह्वान
जगद्गुरु हिमांगी सखी ने अपने वक्तव्य में कहा कि नारी शक्ति के बिना किसी भी समाज का उत्थान संभव नहीं है। उन्होंने संत समाज से आग्रह किया कि नारी सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
सनातन हिंदू जोड़ो यात्रा का शुभारंभ
पट्टाभिषेक कार्यक्रम के पश्चात “सनातन हिंदू जोड़ो यात्रा” का आयोजन किया गया। इस यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्मियों को जोड़ना और समाज में धर्म की महत्ता को पुनर्स्थापित करना है। यात्रा का मार्ग इस प्रकार था:
यात्रा मार्ग | स्थान |
---|---|
प्रारंभ बिंदु | नए पुल के नीचे, परी अखाड़ा |
मार्ग | फूल मंडी, लेप्रसी चौराहा |
समापन बिंदु | महाकुंभ क्षेत्र |
जगद्गुरु पद की ऐतिहासिक महत्ता
यह पहली बार है कि किसी किन्नर भगवताचार्य को जगद्गुरु की उपाधि दी गई है। हिमांगी सखी मां विश्व की पहली किन्नर हैं जिन्होंने पांच भाषाओं में श्रीमद्भागवद् कथा का प्रवचन किया है।
सनातन धर्म के उत्थान का संकल्प
परी अखाड़ा की प्रमुख त्रिकाल भवंता और भाजपा नेता डॉ. श्याम प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि यह यात्रा सनातन धर्म के उत्थान और समाज में नवनिर्माण का संदेश देगी। हिमांगी सखी मां पिछले कई वर्षों से धर्म के प्रचार-प्रसार और समाज को जोड़ने के लिए देश-विदेश में कार्य कर रही हैं।
यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज सुधार और नारी शक्ति के लिए प्रेरणा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
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